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Cr. P.C. 41 : कोर्ट ने कहा- जज कोई पोस्ट ऑफिस नहीं जो बिना दिमाग लगाए आरोपी को सीधा जेल भेज दे

आम तौर पर पुलिस किसी भी केस में जिसे भी पकड़ कर  न्यायिक दंडाधिकारी के सामने पेश करती है उसे सीधे जेल भेज दिया जाता है, पटना हाईकोर्ट ने गिरफ्तार अभियुक्त को पेशी के बाद रूटीन तरीके से सीधे न्यायिक हिरासत में भेजने के न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश पर नाराजगी जतायी है। किसी भी आरोपी को जेल भेजने के पूर्व Cr.P.C. 41 के आठ बिंदुओ को संतुष्ट करना अतिआवश्यक है की गिरफ़्तारी क्यूँ आवश्यक है, मुख्य न्यायाधीश संजय करौल व न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने कहा कि अभियुक्त को सीधे न्यायिक हिरासत में डालना सुप्रीम कोर्ट के अादेश का भी उल्लंघन है। सुप्रीम काेर्ट के अादेश के मुताबिक पुलिस काे यह बताना है कि गिरफ्तार अभियुक्त को जेल में डालना क्यों जरूरी है अाैर रिकाॅर्ड देखकर न्यायिक अफसर संतुष्ट हाे जाएं कि एेसा करना सही में अावश्यक है। ‘ज्यूडिशयल ऑफिसर कोई पोस्ट ऑफिस नहीं जो बिना दिमाग लगाए आरोपी को सीधा जेल भेज दे। अादेश में इसका कारण भी लिखना जरूरी है। कोर्ट ने कुंदन कुमार नामक व्यक्ति की रिट याचिका पर यह अादेश दिया। खंडपीठ ने कहा- पुलिस ने जब उसे नारदीगंज थाना कांड संख्या 193/2017 के सिलसिले में नवादा के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने 17 नवंबर 2019 को पेश किया ताे निचली अदालत ने उसे सीधे न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। खंडपीठ ने फौरन कुंदन को रिहा करने का आदेश दिया है।
Cr. P.C. 41 : कोर्ट ने कहा- जज कोई पोस्ट ऑफिस नहीं जो बिना दिमाग लगाए आरोपी को सीधा जेल भेज दे Cr. P.C. 41 : कोर्ट ने कहा- जज कोई पोस्ट ऑफिस नहीं जो बिना दिमाग लगाए आरोपी को सीधा जेल भेज दे Reviewed by Creative Bihari on January 13, 2020 Rating: 5

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