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Sec 124 (A) IPC : देशद्रोह क्या है विस्तार से जानिए

सबसे पहले 1870 में बने इस कानून का इस्तेमाल ब्रितानी सरकार ने बालगंगाधर तिलक के खिलाफ किया था।




क्या है IPC Section 124 A 

आईपीसी की धारा 124 (ए) के तहत उन लोगों को गिरफ्तार किया जाता है जिन पर देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरोप होता है|  जेएनयू छात्रसंघ के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार को आईपीसी की धारा 124 (ए) के तहत देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था.... 

=>क्या है देशद्रोह : 
भारतीय कानून संहिता (आईपीसी) की धारा 124(A) में देशद्रोह की दी हुई परिभाषा के मुताबिक
१. अगर कोई भी व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है 
२. ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, 
३. राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, 
४. अपने लिखित या फिर मौखिक शब्‍दों, या फिर चिन्हों या फिर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाने या फिर असंतोष जाहिर करता है, 
तो उसे आजीवन कारावास या तीन साल की सजा हो सकती है

=>"कहां से आया नियम"

 देशद्रोह पर कोई भी कानून 1859 तक नहीं था. इसे 1860 में बनाया गया और फिर 1870 में इसे आईपीसी में शामिल कर दिया गया.
 सैडीशन लॉ यानि देशद्रोह कानून ब्रिटिश सरकार की देन है। आजादी के बाद इसे भारतीय संविधान ने अपना लिया।
=>सबसे पहले इस्तेमाल:- 
- 1870 में बने इस कानून का इस्तेमाल ब्रितानी सरकार ने बालगंगाधर तिलक के खिलाफ किया था।

=>इन पर हुआ है लागू: 

1. 1870 में बने इस कानून का इस्तेमाल ब्रिटिश सरकार ने महात्मा गांधी के खिलाफ वीकली जनरल में 'यंग इंडिया' नाम से आर्टिकल लिखे जाने की वजह से किया था. यह लेख ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लिखा गया था. 

2. बिहार के रहने वाले केदारनाथ सिंह पर 1962 में राज्‍य सरकार ने एक भाषण के मामले में देशद्रोह के मामले में केस दर्ज किया था, जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. 

*केदारनाथ सिंह के केस पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की एक बेंच ने भी आदेश दिया था. इस आदेश में कहा गया था, 'देशद्रोही भाषणों और अभिव्‍यक्ति को सिर्फ तभी दंडित किया जा सकता है, जब उसकी वजह से किसी तरह की हिंसा, असंतोष या फिर सामाजिक असंतुष्टिकरण बढ़े.'

3. 2010 को बिनायक सेन पर नक्सल विचारधारा फैलाने का आरोप लगाते हुए उन पर इस केस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन बिनायक सेन को 16 अप्रैल 2011 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत मिल गई थी.

4. 2012 में काटूर्निस्ट असीम त्रिवेदी को उनकी साइट पर संविधान से जुड़ी भद्दी और गंदी तस्वीरें पोस्ट करने की वजह से इस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया. यह कार्टून उन्‍होंने मुंबई में 2011 में भ्रष्‍टाचार के खिलाफ चलाए गए एक आंदोलन के समय बनाए थे. 

5. 2012 में तमिलनाडु सरकार ने कुडनकुलम परमाणु प्‍लांट का विरोध करने वाले 7 हजार ग्रामीणों पर देशद्रोह की धाराएं लगाईं थी. 

6. 2015 में हार्दिक पटेल, कन्हैया कुमार से पहले गुजरात में पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग करने वाले हार्दिक पटेल को गुजरात पुलिस की ओर से देशद्रोह के मामले तहत गिरफ्तार किया गया था.

=>विरोधाभास भी :- धारा को हटाने की मांग क्यों? 

- देशद्रोह के कानून को लेकर संविधान में विरोधाभास भी है, जिसे लेकर अक्सर विवाद उठते रहे हैं। 
-०-० दरअसल, जिस संविधान ने देशद्रोह को कानून बनाया है, उसी संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भारत के नागरिकों का मौलिक अधिकार बताया गया है। 
-०-० मानवाधिकार और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता इसी तर्क के साथ अपना विरोध जताते रहे हैं और आलोचनाएं करते रहे हैं। 

-००- >मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि देशद्रोह से जुड़े कानून की आड़ में सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार करती है. 
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस कानून की कड़ी आलोचना होती रही है और इस बात पर बहस छिड़ी है कि अँग्रेज़ों के ज़माने के इस क़ानून की भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में जगह होनी भी चाहिए या नहीं.
Sec 124 (A) IPC : देशद्रोह क्या है विस्तार से जानिए Sec 124 (A) IPC : देशद्रोह क्या है विस्तार से जानिए Reviewed by Creative Bihari on January 26, 2020 Rating: 5

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